Saturday, May 22, 2021
43. यदि वस्तु अवतल दर्पण की फोकस और ध्रुव के बीच हो तो दर्पण से बनने वाले प्रतिबिंब का निर्धारण करने के लिए स्वच्छ किरण आरेख खींचें।
जब वस्तु अवतल दर्पण की फोकस और ध्रुव के बीच में होता है तो उसका प्रतिबिंब दर्पण के पीछे, सीधा, आभासी और वस्तु से बड़ा आकार का बनता है।
42. किरण आरेख क्या है?
दर्पण द्वारा किसी वस्तु के प्रतिबिंब बनने की क्रिया को रेखाओं द्वारा प्रदर्शित करने की विधि को किरण आरेख कहते हैं।
Friday, May 21, 2021
40. गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या ऋणात्मक है, दर्पण की प्रकृति बताएं।
दर्पण की प्रकृति = अवतल दर्पण
39. गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या -10 सेंटीमीटर है, इसकी फोकस दूरी निकाले और दर्पण की प्रकृति बताएं।
f = R/2
= - 10/2
= - 5 cm
दर्पण की फोकस दूरी = 5 cm
चुकी फोकस दूरी ऋणात्मक है, इसलिए दर्पण अवतल होगा।
38. गोलीय दर्पण की फोकस दूरी +10 सेंटीमीटर है, इसकी वक्रता त्रिज्या निकाले और दर्पण की प्रकृति बताएं।
f = R/2
+10 = R/2
R = +10 x 2
R = +20 cm
दर्पण की वक्रता त्रिज्या = + 20 cm
चुकी फोकस दूरी धनात्मक है, इसलिए दर्पण उत्तल होगा।
Thursday, May 20, 2021
37. उत्तल दर्पण की फोकस दूरी और वक्रता त्रिज्या में संबंध स्थापित करें। या उत्तल दर्पण की फोकस दूरी और वक्रता त्रिज्या के लिए व्यंजक प्राप्त करें। या सिद्ध करें कि उत्तल दर्पण की फोकस दूरी, वक्रता त्रिज्या की आधी होती है। या सिद्ध करे कि उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या, फोकस दूरी की दुगनी होती है।
माना कि MM' एक उत्तल दर्पण है जिसका ध्रुव P, फोकस F और वक्रता केंद्र C है। एक किरण AB जो मुख्य अक्ष PC के समांतर आती है और परावर्तन के बाद फोकस से आती हुई प्रतीत होती है। AB किरण, दर्पण के B बिंदु से टकराती है। BCX आपतन बिंदु B पर अभिलंब है।
परावर्तन के नियम से
कोण ABX = कोण XBY ------(i)
अब सम्मुख कोण से
कोण XBY = कोण CBF ------(ii)
पुनः
चूंकि AB ॥ PC
इसलिए संगत कोण से
कोण ABX = कोण BCF ------(iii)
समीकरण (i) में (ii)और (iii) का मान रखने पर
कोण BCF = कोण CBF
इस प्रकार त्रिभुज CBF समदिबाहु त्रिभुज हुआ।
इसलिए CF = FB ------(iii)
पुनः माना कि AB, PC के बहुत निकट है।
इसलिए PF = FB
FB का मान समीकरण (iii) में मान रखने पर
CF = FP
PC - FP = FP
PC = FP + FP
PC = 2 FP
R = 2f
f = R/2
36. अवतल दर्पण की फोकस दूरी और वक्रता त्रिज्या में संबंध स्थापित करें। या अवतल दर्पण की फोकस दूरी और वक्रता त्रिज्या के लिए व्यंजक प्राप्त करें। या सिद्ध करें कि अवतल दर्पण की फोकस दूरी, वक्रता त्रिज्या की आधी होती है। या सिद्ध करे कि अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या, फोकस दूरी की दुगनी होती है।
माना कि MM' एक अवतल दर्पण है जिसका ध्रुव P, फोकस F और वक्रता केंद्र C है। एक किरण AB जो मुख्य अक्ष PC के समांतर आती है और परावर्तन के बाद फोकस से लौटती है। AB किरण, दर्पण के B बिंदु से टकराती है। BC आपतन बिंदु B पर अभिलंब है।
परावर्तन के नियम से
कोण ABC = कोण CBF ------(i)
अब
चूंकि AB ॥ PC
इसलिए एकांतर कोण से
कोण ABC = कोण BCF ------(ii)
समीकरण (i) और (ii) से
कोण CBF = कोण BCF
इस प्रकार त्रिभुज CBF समदिबाहु त्रिभुज हुआ।
इसलिए CF = FB ------(iii)
पुनः माना कि AB, PC के बहुत निकट है।
इसलिए PF = FB
FB का मान समीकरण (iii) में मान रखने पर
CF = FP
PC - FP = FP
PC = FP + FP
PC = 2 FP
R = 2f
f = R/2
35. उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण कहते हैं, क्यों?
उत्तल दर्पण में मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद एक ही बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है, चूंकि एक ही बिंदु से आती हुई प्रतीत होने वाली प्रकाश की किरणों को अपसारी किरण पुंज कहते हैं। इसलिए उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण भी कहते हैं।
34. अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण कहते हैं, क्यों?
अवतल दर्पण में मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद एक ही बिंदु पर मिलती है, चूंकि एक ही बिंदु पर मिलती हुई प्रकाश की किरणों को अभिसारी किरण पुंज कहते हैं। इसलिए अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण भी कहते हैं
33. गोलीय दर्पण के ध्रुव पर आने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से किस प्रकार परिवर्तित होती है?
गोलीय दर्पण के ध्रुव पर आने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष के साथ उतना ही डिग्री का कोण बना कर लौटती है, जितने डिग्री का कोण बना कर आती है।
32. गोलीय दर्पण की वक्रता केंद्र से आती हुई या वक्रता केंद्र पर आती हुई प्रतीत होने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से किस प्रकार परावर्तित होती है?
गोलीय दर्पण की वक्रता केंद्र से आती हुई या वक्रता केंद्र पर आती हुई प्रतीत होने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद अपने पथ पर लौट जाती है।
31. गोलीय दर्पण की फोकस से आती हुई या फोकस पर आती हुई प्रतीत होने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से किस प्रकार परावर्तित होती है?
गोलीय दर्पण की फोकस से आती हुई या फोकस पर आती हुई प्रतीत होने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष के समांतर लौटती है।
Wednesday, May 19, 2021
30. गोलीय दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से किस प्रकार परिवर्तित होती है?
गोलीय दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद फोकस से होकर लौटती है या फोकस से होकर आती हुई प्रतीत होती है।
29. अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण में अंतर स्पष्ट करें।
अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण में निम्नलिखित अंतर है-
(i) अवतल दर्पण का परावर्तक सतह धंसा हुआ होता है जबकि उत्तल दर्पण का परावर्तक सतह उठा हुआ होता है।
(ii) अवतल दर्पण में फोकस और वक्रता केंद्र के दर्पण के आगे होता है जबकि उत्तल दर्पण में पीछे।
(iii) अवतल दर्पण में वास्तविक और आभासी दोनों प्रतिबिंब बनता है जबकि उत्तल दर्पण में केवल आभासी प्रतिबिंब बनता है।
(iv) अवतल दर्पण में किसी भी आकार का प्रतिबिंब बन सकता है जबकि उत्तल दर्पण में बना प्रतिबिंब हमेशा छोटा होता है।
(v) अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण भी कहते हैं जबकि उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण कहते हैं।
Tuesday, May 18, 2021
28. अवतल दर्पण की फोकस दूरी निकालने के लिए एक प्रयोग का वर्णन करें।
अवतल दर्पण की फोकस निकालने के लिए किए गए प्रयोग का वर्णन निम्न है -
प्रयोग- एक अवतल दर्पण को सूर्य के प्रकाश में सूर्य की ओर मुंह करके रख देते हैं, फिर एक गत्ते का टुकड़ा लेकर दर्पण के नजदीक लाते हैं। गत्ते के टुकड़े को आगे या पीछे करके देखते हैं, जहां पर प्रकाश की किरणों का एक चमकदार बिंदु प्राप्त होता है, वहां पर गत्ते का टुकड़ा स्थिर कर देते हैं। फिर दर्पण और गत्ते के टुकड़े के बीच की दूरी माप लेते हैं, यही उस दर्पण की फोकस दूरी होती है।
27. दर्पण के फोकस और फोकस दूरी से आप क्या समझते हैं?
दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश की किरण दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष को जहां पर काटती है या मुख्य अक्ष के जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है, उसे दर्पण का फोकस कहते हैं। इसे F से सूचित करते हैं।
दर्पण के ध्रुव से फोकस तक की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं। इसे f से सूचित करते हैं।
26. गोलीय दर्पण के निम्नलिखित पदों की व्याख्या करें-ध्रुव, वक्रता केंद्र, वक्रता त्रिज्या, मुख्य अक्ष या प्रधान अक्ष, द्वारक
ध्रुव- दर्पण के मध्य बिंदु को दर्पण का ध्रुव कहते हैं। इसे P से सूचित करते हैं।
वक्रता केंद्र- दर्पण जिस खोखले गोले का भाग होता है, उस गोले के केंद्र को दर्पण का वक्रता केंद्र कहते हैं। इसे C से सूचित करते हैं।
वक्रता त्रिज्या- दर्पण जिस खोखले गोले का भाग होता है, उस गोले की त्रिज्या को दर्पण का वक्रता त्रिज्या कहते हैं। इसे R से सूचित करते हैं।
मुख्य अक्ष या प्रधान अक्ष- दर्पण के ध्रुव और वक्रता केंद्र को मिलाने वाली रेखा को मुख्य अक्ष या प्रधान अक्ष कहते हैं।
दर्पण का द्वारक- दर्पण की चौड़ाई को दर्पण का द्वारक कहते हैं।
25. दर्पण की सतह को छूकर आप समतल दर्पण, अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण में अंतर कैसे बताएंगे?
दर्पण की सतह को छू कर समतल दर्पण, अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण में अंतर निम्नलिखित तरीके से बताएंगे-
(i) यदि दर्पण का परावर्तक सतह समतल होगा तो उसे समतल दर्पण कहेंगे।
(iii) यदि दर्पण का परावर्तक सतह धंसा होगा तो उसे अवतल दर्पण कहेंगे।
(iii) यदि दर्पण का परावर्तक सतह उठा होगा तो उसे उत्तल दर्पण कहेंगे।
24. गोलीय दर्पण क्या है? वर्णन करें।
वैसा दर्पण जिसका परावर्तक सतह गोलीय होता है, उसे गोलीय दर्पण कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है- (i) उत्तल दर्पण (ii) अवतल दर्पण
(i) उत्तल दर्पण- वैसा गोलीय दर्पण जिसका परावर्तक सतह उठा हुआ होता है, उसे उत्तल दर्पण कहते हैं।
(ii) अवतल दर्पण- वैसा गोलीय दर्पण जिसका परावर्तक सतह धंसा हुआ होता है, उसे अवतल दर्पण कहते हैं।
23. दो समतल दर्पण परस्पर 0 डिग्री का कोण बनाती है, तो बनने वाले प्रतिबिंब की संख्या बताएं।
360/0 = अपरिभाषित
इसलिए प्रतिबिंब की संख्या = अनगिनत
22. दो समतल दर्पण परस्पर 72 डिग्री का कोण बनाती है, तो बनने वाले प्रतिबिंब की संख्या बताएं।
360/72 = 5
चुंकी 5 विषम है
इसलिए प्रतिबिंब की संख्या = 5
21. दो समतल दर्पण परस्पर 45 डिग्री का कोण बनाती है, तो बनने वाले प्रतिबिंब की संख्या बताएं।
360/45 = 8
चुंकी 8 सम है
इसलिए प्रतिबिंब की संख्या = 8-1 = 7
20. दो समतल दर्पण परस्पर x डिग्री का कोण बनाती है, तो बनने वाले प्रतिबिंब की संख्या बताएं।
यदि 360/x का मान सम हो तो प्रतिबिंब की संख्या = 360/x - 1
यदि 360/x का मान विषम हो तो प्रतिबिंब की संख्या = 360/x
18. एक समतल दर्पण से 5 सेंटीमीटर आगे एक वस्तु है, दर्पण से प्रतिबिंब की दूरी तथा वस्तु से प्रतिबिंब की दूरी निकालें।
दर्पण से प्रतिबिंब की दूरी 5 सेंटीमीटर
वस्तु से प्रतिबिंब की दूरी 10 सेंटीमीटर
17. समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की विशेषताओं को लिखें।
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-
प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है।
प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा सीधा बनता है।
प्रतिबिंब पाशर्वीक रुप से उल्टा होता है।
प्रतिबिंब आभासी होता है।
इसमें बने प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
प्रतिबिंब दर्पण से उतना ही पीछे बनता है जितना वस्तु दर्पण के आगे होता है।
16. पाशर्व परिवर्तन क्या है?
वैसा परिवर्तन जिसमें वस्तु का दायां भाग प्रतिबिंब का बायां भाग तथा वस्तु का बायां भाग प्रतिबिंब का दायां भाग हो जाता है, उसे पाशर्व परिवर्तन कहते हैं।
समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब की विशेषताओं को लिखें।
14. दर्पण क्या है?
चिकनी और चमकीली सतह जिसका एक सतह रजतीत होता है, उसे दर्पण कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है- (i) समतल दर्पण (ii) गोलीय दर्पण
13. किसी सतह पर लंबवत पड़ने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से किस प्रकार परावर्तित होती है? और इस स्थिति में आपतन कोण और परावर्तन कोण का मान क्या होता है?
किसी सतह पर लंबवत पड़ने वाली प्रकाश की किरणें अपने पथ पर लौट जाती है और इस स्थिति में आपतन कोण और परावर्तन कोण का मान 0 डिग्री होता है।
12. वास्तविक प्रतिबिंब और आभासी प्रतिबिंब में अंतर स्पष्ट करें।
वास्तविक प्रतिबिंब और आभासी प्रतिबिंब में निम्नलिखित अंतर है-
(i) वास्तविक प्रतिबिंब किरणों के वास्तविक कटान से बनता है जबकि आभासी प्रतिबिंब किरणों के आभासी कटान से बनता है। (ii) वास्तविक प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है जबकि आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है। (iii) वास्तविक प्रतिबिंब हमेशा उल्टा बनता है जबकि आभासी प्रतिबिंब हमेशा सीधा बनता है। (iv) वास्तविक प्रतिबिंब का आवर्धन ऋणात्मक होता है जबकि आभासी प्रतिबिंब का आवर्धन धनात्मक होता है।
11. प्रतिबिंब क्या है? वर्णन करें।
किसी बिंदु स्रोत से आती हुई प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर कटती है या कटती हुई प्रतीत होती है, उसे प्रतिबिंब कहते हैं। प्रतिदिन दो प्रकार के होते हैं- (i) वास्तविक प्रतिबिंब (ii) आभासी या काल्पनिक प्रतिबिंब
(i) वास्तविक प्रतिबिंब- किसी बिंदु स्रोत से आती हुई प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर कटती है, उसे वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं।
(ii) आभासी प्रतिबिंब- किसी बिंदु स्रोत से आती हुई प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर कटती हुई प्रतीत होती है, उसे आभासी प्रतिबिंब कहते हैं।
10. प्रकाश का परावर्तन क्या है? परावर्तन के नियमों को लिखें।
प्रकाश के किसी अपारदर्शी वस्तु से टकराकर लौटने की क्रिया को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है- (i) नियमित परावर्तन (ii) अनियमित परावर्तन
(i) नियमित परावर्तन- चिकनी सतह से प्रकाश का नियमित परावर्तन होता है।
(ii) अनियमित परावर्तन- रुखड़ी सतह से प्रकाश का अनियमित परावर्तन होता है।
परावर्तन के दो नियम हैं
(i) आपतित किरण, आपतन बिंदु और परावर्तित किरण तीनों एक ही समतल में होते हैं।
(ii) आपतन कोण और परावर्तन कोण का मान बराबर होता है।
09. निम्नलिखित को परिभाषित करें- आपतित किरण, आपतन बिंदु, अभिलंब, परावर्तीत किरण, आपतन कोण, परावर्तन कोण
आपतित किरण- किसी सतह पर आने वाले प्रकाश की किरणों को आपतित किरण कहते हैं।
आपतन बिंदु- सतह के जिस बिंदु पर आपतित किरण आती है, उस बिंदु को आपतन बिंदु कहते हैं।
अभिलंब- आपतन बिंदु पर खींचे गए लंब को अभिलंब कहते हैं।
परावर्तित किरण- सतह से टकराकर लौटने वाली प्रकाश की किरणों को परावर्तित किरण कहते हैं।
आपतन कोण- आपतित किरण और आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब के बीच जो कोण बनता है, उसे आपतन कोण कहते हैं। इसे i द्वारा सूचित करते हैं।
परावर्तन कोण- परावर्तित किरण और आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब के बीच जो कोण बनता है, उसे परावर्तन कोण कहते हैं। इसे r द्वारा सूचित करते हैं।
08. प्रकाश के परावर्तन के आधार पर वस्तु कितने प्रकार की होती है? वर्णन करें।
प्रकाश के परावर्तन के आधार पर वस्तु तीन प्रकार की होती है- (i) पारदर्शी पदार्थ (ii) अपारदर्शी पदार्थ (iii) पारभासी पदार्थ
(i) पारदर्शी पदार्थ- वह पदार्थ जिससे होकर प्रकाश आसानी से पार कर जाता है, उसे पारदर्शी पदार्थ कहते हैं। जैसे- सीसा, पानी, हवा इत्यादि।
(ii) अपारदर्शी पदार्थ- वह पदार्थ जिससे होकर प्रकाश पार नहीं कर पाता है, उसे अपारदर्शी पदार्थ कहते हैं। जैसे- लकड़ी, कोयला, कुर्सी, लोहा इत्यादि।
(iii) पारभासी पदार्थ- वह पदार्थ जिससे होकर प्रकाश का कुछ भाग पार कर जाता है, उसे पारभासी पदार्थ कहते हैं। जैसे- घीसा हुआ कांच, तेल लगा हुआ कागज, बैलून की रबड़, आंख की पलक, ट्रेसिंग पेपर, चमड़ा, रक्त, दुध, धुआ इत्यादि।
Monday, May 17, 2021
07. प्रकीर्णन क्या है?
जब प्रकाश सूक्ष्म कण पर पड़ता है, तो वह सभी दिशाओं में फैल जाता है, इसी प्रक्रिया को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं। प्रकाश की प्रकीर्णन के कारण ही जिस कमरे में सीधे प्रकाश प्रवेश नहीं करता है वहां भी प्रकाश होता है।
06. किरणपुंज क्या है? वर्णन करें।
किरणों के समूह को किरणपुंज कहते हैं। किरण पुंज तीन प्रकार के होते हैं (i) अपसारी किरणपुंज (ii) समांतर किरणपुंज (iii) अभिसारी किरणपुंज
(i) अपसारी किरणपुंज- किसी बिंदु स्रोत से निकलकर फैलने वाली प्रकाश की किरणों को अभिसारी किरणपुंज कहते हैं। इसमें किरणों की बीच की दूरी बढ़ती जाती है। जैसे- टॉर्च से निकलने वाले प्रकाश की किरण।
(ii) समांतर किरणपुंज- अनंत से आने वाली प्रकाश की किरणों को समांतर किरणपुंज कहते है। इसमें किरणों के बीच की दूरी एक समान रहती है। जैसे- सूर्य से आती हुई प्रकाश की किरण।
(iii)अभिसारी किरणपुंज- किसी बिंदु पर आकर मिलने वाली प्रकाश की किरणों को अभिसारी किरणपुंज कहते हैं। इसमें किरणों की बीच की दूरी घटती जाती है। जैसे- अवतल दर्पण या उत्तल लेंस की फोकस पर आती प्रकाश की किरणें।
04. चंद्रमा अप्रदीप्त वस्तु है, कैसे?
चंद्रमा का अपना प्रकाश नहीं होता है। चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करके उत्सर्जित करने के कारण चमकता है अर्थात हमें प्रकाश देता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि चंद्रमा अप्रदीप्त वस्तु है। या चंद्रमा का अपना प्रकाश नहीं होता है। चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को परवर्तित करके चमकता है अर्थात हमें प्रकाश देता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि चंद्रमा अप्रदीप्त वस्तु है।
03. प्रकाश के उत्सर्जन के आधार पर वस्तु कितनी प्रकार की होती है? वर्णन करें।
प्रकाश के उत्सर्जन के आधार पर वस्तुएं दो प्रकार की होती है- (i) प्रदीप्त वस्तु (ii) अप्रदीप्त वस्तु
(i) प्रदीप्त वस्तु- ऐसा पदार्थ जो स्वयं अपना प्रकाश उत्सर्जित करता है अर्थात जिनका अपना प्रकाश होता है, उसे प्रदीप्त वस्तु कहते हैं। जैसे- बल्ब, सूर्य इत्यादि।
(ii) अप्रदीप्त वस्तु- ऐसा पदार्थ जो प्रकाश उत्सर्जित नहीं करता है अर्थात जिनका अपना प्रकाश नहीं होता है, उसे अप्रदीप्त वस्तु कहते हैं। जैसे कुर्सी, पुस्तक, चंद्रमा इत्यादि।
02. प्रकाश स्रोत क्या है? वर्णन करें।
वह पदार्थ जिससे प्रकाश निकलता है, उसे प्रकाश स्रोत कहते हैं। जैसे- सूर्य, बल्ब, इत्यादि। प्रकाश स्रोत दो तरह के होते हैं- (i) प्राकृतिक प्रकाश स्रोत (ii) मानव निर्मित या कृत्रिम प्रकाश स्रोत।
(i) प्राकृतिक प्रकाश स्रोत- प्रकाश का वैसा स्त्रोत जो प्रकृति के द्वारा बनाया गया है, उसे प्राकृतिक प्रकाश स्रोत कहते हैं। जैसे- सूर्य, तारे इत्यादि।
(ii) मानव निर्मित या कृत्रिम प्रकाश स्रोत- प्रकाश का वैसा स्त्रोत जो मानव द्वारा बनाया गया है, उसे मानव निर्मित या कृत्रिम प्रकाश स्रोत कहते हैं। जैसे- बल्ब, दीया।
01. प्रकाश क्या है?
उर्जा का वह रूप है, जो किसी वस्तु को देखने में सहायता प्रदान करता है, उसे प्रकाश कहते हैं। या वह कारक जो किसी वस्तु को देखने में सहायता प्रदान करता है, उसे प्रकाश कहते हैं। प्रकाश विद्युत चुंबकीय तरंग होता है।
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