उत्तल दर्पण में मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद एक ही बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है, चूंकि एक ही बिंदु से आती हुई प्रतीत होने वाली प्रकाश की किरणों को अपसारी किरण पुंज कहते हैं। इसलिए उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण भी कहते हैं।
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